मैंने कितनी मोहब्बत की थी,उससे मैंने उससे कितना चाहा था,पर उसने तो मेरा दिल ही तोड़ा है हमेशा,जब कि मैंने उसे अपना सब कुछ माना था..
apno ne dil tod diya shayari
जिसका खुद का दिल पत्थर का हो,वो अक्सर दुसरो का दिल तोडा करते है,ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहो साहब,यह लोग सिर्फ प्यार करने का दिखावा करते है..
रात की गहराई आँखों मैं उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, यह जो पलकों से बह रहे हैं हल्के-हल्के से, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई..
बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता,जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता,वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं,जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता..
वो बेवफा हमारा इम्तिहां क्या लेगी,जब मिलेगी तो नजर झुका लेगी,उसे मेरी कबर पर दीया जलाने को मत कहना,नादान है अपना हाथ जला लेगी..
लाखों में इंतिख़ाब के क़ाबिल बना दिया,जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया,पहले कहाँ ये नाज़ थे यह इश्क़-ओ-अदा,दिल को दुआएँ दो तुम्हें क़ातिल बना दिया..
मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,अब किसी से मुहब्बत मैं नहीं कर पाता,इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है..
काश कि हम उनके दिल पर राज़ करते,जो कल था वही प्यार आज करते,हमें ग़म नहीं उनकी बेवफाई का बस अरमां था, कि हम भी अपने प्यार पर नाज़ करते..
जो खोया वह कभी पाया नहीं गया,किस्सा वो बार-बार दोहराया नहीं गया,तेरी याद में लिखे मैंने ढेरों तराने मगर,महफ़िल में गीत मुझसे गाया नहीं गया..
तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना,तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना,मेरी वफाओं पर शक है तो खंजर उठा लेना,मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना..
मैं टूटा हुआ था शीशे की तरहबिखरता हुआ था मोती की तरहतुमने आकर समेट लिया एक फरिश्ते की तरह..
प्यार में धोखा बेवफा शायरी
तुझे तो फुर्सत ही नहीं मिलती,मेरे किसी मेसेज को पढ़ने की और एक हम ठहरे,जो तुम्हारे पुराने ही मेसेज, देख कर तुझे याद कर लेते हैं..
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया,इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया,जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम,दिल का सौदा किया बेवजह किया..
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है,ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है,हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के..पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है..
promise tod diya shayari
हमने भी किसी से प्यार किया था,हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,क्यों की उन्हो ने नही बाल्की,हमने उनसे प्यार किया था..
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी..
नाम वफा का लेते हुएहम बेवफा कह लाये जाते हैंहर दर से ठोकर खा कर भीहम बेइन्तेहाँ मुस्कुराते जाते हैं..