बदल जाओ वक़्त के साथ,  या वक़्त बदलना सीखो, मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो…

gulzar shayari zindagi ka sach

जब भी यह दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है..

सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे…

मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह यह मुझसे पहले जाग जाती है..

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तुझसे कोई शिकवा शिकायत नही है जिंदगी तूने जो भी दिया हैं वही बहुत है..

अच्छी बात है कि आप अहंकारी हैं क्योंकि इसके रहते आप कभी, स्वयं को गलत होते हुए  भी गलत नहीं समझेंगे…

मेरे दिल में एक धड़कन तेरी है उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी है जो कभी सांस रुक जाये तो मौत मेरी है..

ज़िन्दगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर,  या तू मुझे तराशने की कोशिश में है..