मैं आज भी जी रहा हु उनकी इश्क़ में,मेरी यादों में ही सही पर उनका साथ तो है,वर्षो बाद भी जेहन में उनकी तस्वीर टंगी है,यारो पहली मुलाकात में कुछ बात तो है..
दिल की आवाज को इज़हार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है,
सिर्फ पाने का नाम इश्क़ नहीं है यारों,
कुछ खो कर पाने को भी प्यार कहते है..
चाहत ने तेरी मुझको कुछ इस तरह से घेरा,
दिन को हैं तेरे चरचे रातों को ख्वाब तेरा,
तुम हो जहाँ वहीं पर रहता है दिल भी मेरा,
बस इक ख्याल तेरा क्या शाम क्या सवेरा...
नियत ए शौक भर ना जाये कहीं,
तू भी दिल से उतर ना जाये कहीं,
आज देखा है तुझको देर के बाद,
आज का दिन गूजर ना जाय कहीं..
इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी,
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी,
देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम,
वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी…
इन आँखों का पोछा था आँसू याद है,
उस दिन का मैने पूछा था हाल याद है,
आज तलक उतरी नही है लाली,
होठों को मैने कैसा चूमा था याद है,
देख लेते हो इश्क़ से यही काफी है,
दिल धड़कता है सहूलियत से यही काफी है,
हाल दुनिया के सताए हुए कुछ लोगों का,
जो पूछ लेते हो शरारत से यही काफी है..
दिल की हर बात जमाने को बता देते हैं,
अपने हर राज पर से परदा उठा देते हैं,
आप हमें चाहें न चाहें इसका गिला नहीं,
हम जिसे चाहें उस पर जान लुटा देते हैं..
पहली इश्क़ मेरी हम जान न सके,
प्यार क्या होता है हम पहचान न सके,
हमने उन्हें दिल में बसा लिया इस कदर कि,
जब चाहा उन्हें दिल से निकाल न सके..
हाल अपने दिल का तुम्हें सुना नहीं पाते है,
जो सोचते रहते हैं हर पल होंठो तक ला नहीं पाते है,
बेशक बहुत इश्क़ है तुम्हारे लिए मेरे दिल में,
पर पता नहीं क्यों तुमको फिर भी मैं बता नहीं पाते है..