तुम्हारी निगाह हमारे दिल पर कब्ज़ा किए बैठी है, हमारी निगाहें बस तुम्हारी निगाहों में देखने का जज़्बा लिए बैठी है

मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए, करें वो तुम्हारी ताऱीफ इतनी कि नज़र लग जाए..

तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग फराज़ एक नज़र हम को भी देख लो तुम बिन ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती

हर राह पर तुम्हें तलाश करती रहीं निगाहें, काश यादों से निकल कर तुम रुबरु हो जाते

मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही तुमने, रिश्ता तुम्हारी नज़र में कल का अखबार हो गया

तुम्हारी सीधी नज़र ने तो कोई बात न की! तुम्हारी तिरछी नज़र का सवाल अच्छा था..

नज़र पैमाने घटा जुल्फ है चेहरा महताब इस से बेहतर कहां दुनिया मैं नज़ारा होगा.

मेरे क़त्ल का इरादा हो तो खंजर से वार ना करना, मेरे मरने के लिए काफी है तेरा औरों से प्यार करना.

देख कर हैरान हूँ आईने का जिगर एक तो कातिल सी नज़र उस पर काजल का कहर..

क़त्ल कर या कर इश्क़ मुक़म्मल हम से, दोनों ही सूरत में तेरे नाम से फ़ना होना है हमको.