मत देखा करो तुम मुझे इन तिरछी नशीली निगाहों से यह मेरा पत्थर सा दिल भी पिघल कर मोम हो जाता है..
यूं तो अक्सर बाते होती है उनकी नजरो से पर नजरो के लफ्ज़ अक्सर उनके समझ नही आते है..
मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए, करें वो तुम्हारी ताऱीफ इतनी कि नज़र लग जाए.
दिलों का ज़िक्र ही क्या है मिलें मिलें न मिलें नज़र मिलाओ नज़र से नज़र की बात करो..