पहली बार मिलने की शायरी: pehli mohabbat pehli baar shayari

बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में, बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में, कभी तुम यह दिल तोड़ कर मत जाना, हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में..

वो पहला किस जो हमने एक दूजे को किया वो किश हमरे प्यार की शुरुआत थी हमारा प्यार हमेशा कायम रहेगा बस तुम मुझे उसी सिद्दत से किश करती रहना..

तुम अपने दिल से ये बहम निकाल दो  कि हम तुम्हे छोड़ देंगे तन्हा क्योकि तुम तो मेरी सांसो में समाये हो  और भला कोई अपनी सांसो से रुक्सत हो सकता है..

ये जो मेरी पहली मोहोब्बत है  दुआ करता हूँ खुदा से की काश  यही मेरी आखिरी मोहोब्बत भी हो..

हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो.. 

काश ये शाम कभी ढले ना, काश ये शाम मोहब्बत का रुके ना, हो जाए आज दिल की चाहते सारी पूरी और दिल की कोई चाहत बचे ना..

नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है, पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है, ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में, कि कोई अनजान भी हमारी  ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है…

लहू से सींचकर अपने ज़र्रे-ज़र्रे को साहरां में एक नया गुलिश्ताँ बनाया था खिलेंगे गुल यहां हर रंग ओ खुशबू के ख़्वाब दिल में बागबां ने यही सजाया था..

आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी