नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

अगर बोलने वाले खामोश हो जाए तो,  उनकी ख़ामोशी से सुकून नहीं खौफ सा अहसास आता है..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

ये मोहब्बत भी कितना गजब का है जनाब, कल जिनसे हमें मोहब्बत थी आज उनसे हमें बेइंतहा नफरत है..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

उसने मुझ से नफरत मरते दम तक करने की कसम खा ली है, और मैंने भी उसे प्यार मरते दम तक करने की कसम खा ली है..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें , खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

पड़े हैं नफ़रत के बीच दिल में बरस रहा है लहू का सावन,  हरी-भरी हैं सरों की फ़सलें बदन पे ज़ख़्मों के गुल खिले हैं..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

दिल की प्यार और नफरत हो इतना समझते है , तुम में प्यार और नफरत कितने मगरूर रहते है..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है, जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे नींद से नफरत हो जायगी..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

मेरी ही जान के दुश्मन हैं नसीहत वाले मुझ को समझाते हैं उन को नहीं समझाते हैं..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

दिल में अगर पली बेजान कोई हसरत ना होती, हम इंसानों को इंसानों से यू नफरत ना होती..

नफरत सी हो गई है इस जिंदगी से नफरत शायरी

मोहब्बत करने की सज़ा इतनी सी होती है,  किसी भी मोड़ पर यार बेवफा हो सकता है..