आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

मैं तेरी आंखों में खो जाता हूं, उन्हें देखकर मदहोश हो जाता हूं, फिर मैं उन्हें देखे बिना, एक दिन भी नहीं रह पाता हूं..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

अब तो उसे से मिलना और भी ज़रूरी हो गया है, सुना है उसकी आँखों मैं मेरा अक्स नज़र आता है..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

कभी उन मद-भरी आँखों से पिया था इक जाम, आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

ख़ुदा बचाए तिरी मस्त मस्त आँखों से, फ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

आँखों में आँसू चेहरे पर हँसी है साँसों में आहें, दिल में बेबसी है पहले क्यूँ नहीं बताया, यार कि दरवाजे में ऊँगली फँसी है..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

तेरी आंखें बहुत सुंदर है मेरा दिल हो गया बंदर है, उछल-उछल कर तुझे पुकार रहा जैसे मैं रेगिस्तान और तू समंदर है..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

अबकी बरसात भी क्या कमाल कर गई, तेरे नाम के आंसुओं की भी पड़ताल कर गई, कोतवाली करती रही बूंद-बूंद की, फिर जाते-जाते क्यों इतना बवाल कर गई..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

आते हो जब तुम सामने मेरे, देख पाते हैं तुम को हम फिर कहां, दिल फिर कहीं होता है और होश फिर रहता कहां..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूं वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूं, एक जंगल है तेरी आंखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूं..

आँखों पर बड़ी ही खूबसूरत शायरी

तिरे जमाल की तस्वीर खींच दूँ लेकिन, ज़बाँ में आँख नहीं आँख में ज़बान नहीं..