नयनों से नैन मिलाकर महोब्बत का इजहार करूँबन कर ओस की बुँदे जिन्दगी तेरी गुलजार करूँसंवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी इश्क के सफर मेंथाम ले तू हाथ मेरा मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ..
बार-बार वो हमपे इलज़ाम लगाते हैकि वो कितना ही सम्भाले अपना दिलहम हर दफा चुरा ले जाते है
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहेब,जिसकी आँखों में इश्क रोता हो