कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
हर रोज़ आँखों में नींद आने का इंतज़ार करते हैं, की जब नींद आएगी तभी तो ख़्वाबों में तुम आओगे..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
जिसकी ख़ुशी की खातिर था, दिल मुझसे बगावत में, कम्बखत एक झलक पाने को, अक्सर बहुत रोता हु..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए, करें वो तुम्हारी ताऱीफ इतनी कि नज़र लग जाए..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
मेरे वजूद की लो अब बुझ चुकी है, उनकी नजरों में ना तमन्ना है ना, नजर आए हम कभी उस शहर में..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
नज़र में ख़्वाब नए रात भर सजाते हुए, तमाम रातें कटी तुमको गुनगुनाते हुए, तुम्हारी बात ख़याल में गुमसुम सभी, ने देख लिया हमको मुस्कराते हुए..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
नज़र फेरा तुमने इस कदर, की तुम्हे कुछ नज़र ही नहीं आया, नज़ाकत हमारी भी देख लेते, हमने भी कंहा सर उठाया..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
तेरी नजरो की क्या तारीफे करू, इसने तो दीवाना बना दिया , छोरी से डरने वालो को , नजरो ने रांझा बना दिया..
कातिल निगाहों पर खूबसूरत शायरी
मौसम चल रहा है इश्क का साहिब, जरा सम्भल कर के रहियेगा, अगर नजरें नज़रों को मार देंगी तो, हमें कातिल ना कहियेगा..
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