romantic katil nazar shayari

क़त्ल कर देती है तुम्हारी एक नज़र कई हज़ारों का,  मुझे तो डर है क्या होगा अब उन भीड़ भरे बाज़ारों का..

romantic katil nazar shayari

ज़रा झुका कर रखा करो मोहतरमा अपनी इन कातिल निगाहों को, कहीं क़त्ल का बाजार मत बना देना इन राहों को..

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यूं तो अक्सर बाते होती है उनकी नजरो से, पर नजरो के लफ्ज़ अक्सर उनके समझ नही आते है..

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आज भी नहीं बदली उनकी ये नजर चुराने की आदत,  ज़माने से कभी मेरे लिए और अब ज़माने के लिए हमसे…

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आखिर कब तक झूठ बोलेगी उनकी नजर हमसे, नजरों को पहचानने का हुनर बखूबी आता है हमें..

romantic katil nazar shayari

नज़र में ख़्वाब नए रात भर सजाते हुए, तमाम रातें कटी तुमको गुनगुनाते हुए, तुम्हारी बात ख़याल में गुमसुम सभी, ने देख लिया हमको मुस्कराते हुए..

romantic katil nazar shayari

वो कत्ल कर के भी तो नहीं कहते, उन कातिल निगाहों का जमाना दीवाना है, उनकी नजर को लोग कहते हैं समन्दर, हमें भी एक बार उस समन्दर में डूब जाना है..

romantic katil nazar shayari

दिलों का ज़िक्र ही क्या है मिलें मिलें न मिलें, नज़र मिलाओ नज़र से नज़र की बात करो..

romantic katil nazar shayari

नज़र से नज़र मिलाकर तुम इस कदर नज़र लगा गए हमें,  ये कैसी नज़र गली हमें की हम हर एक की नज़र में आ गए..

romantic katil nazar shayari

उनकी आंखो से इस दिल पर वार हो गया है,  हमे तो उनकी झुकी नजरों से ही प्यार हो गया है…

romantic katil nazar shayari

हाल चाल नहीं पूछते पर पर खबर सारी रखते हो, सुना है ये हमने कि आप हम पर नज़र रखते हो…