मोहब्बत किसी से करनी हो तो हद मैं रहकर करना वरना किसी को बेपनाह चाहोगे तो टूट कर बिखर जाओगे..

आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम रिचा लिखना, बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना..

एक बार तो यूँ होगा,  थोड़ा सा सुकून होगा.. ना दिल में कसक होगी,  ना सर में जूनून होगा..

इस दौर के लोगो में वफ़ा ढूंढ रहे हो बड़े नादान हो साहब ज़हर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो..

तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे, मगर हमारी बेचेनियों की,  वजह बस तुम हो..

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,  रात भी आयी और चाँद भी था,  मगर नींद नहीं..

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई, जैसे एहसान उतारता है कोई, आइना देख कर तसल्ली हुई, हम को इस घर में जानता है कोई..

तेरी तरह बेवफा निकले..  मेरे घर के आईने भी¸ खुद को देखूं.. तेरी तस्वीर नजर आती है..

हम तो समझे थे कि..  हम भूल गए हैं उनको,  क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया..

सिर्फ दिल का हकदार बनाया था तुम्हें,  हद हो गई तुमने तो जान भी ले ली..