तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

मेरा इकरार नही मिलता फिर ये इजहार नही मिलता थाम लेना तुम हाथ मेरा दोबारा ये प्यार नही मिलता..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है, नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

इश्क़ का रोग कि दोनों से छुपाया न गया, हम थे सौदाई तो कुछ वो भी दिवाने निकले..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

लगता है इश्क़ अपने उसूलों पे कायम ही रहेगा, ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

इश्क है वही जो हो एक तरफा, इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है, है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ, जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

बेनाम मोहब्बत दिल में दबा रखी है,  तेरी चाहत सपनों में सजा रखी है, ये दुनियाँ बदले पर तुम ना बदलना, ये उम्मीद सिर्फ तुमसे लगा रखी है..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

मजबूती से बाँहों में इस क़दर थाम लूँ तुझे, कि मेरे इश्क़ की कैद से तू चाह कर भी ना छूटे..

तुमसे बेशुमार इश्क शायरी

कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का, वो बा-इज़्ज़त बरी है.. और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये..