बेरहम इश्क शायरी

रब ना करें इश्क की कमी किसी को सताए प्यार करो उसी से जो तुम्हें दिल की हर बात बताए..

जितना तुम्हारा दीदार होता है , मुझे तुमसे इश्क़ उतनी बार होता है

हर इन्सान को अपना बना लेता है इश्क. सब कुछ भुला देता है इश्क. दिल की धड़कन तेज करा देता है इश्क. ना चाहते हुए भी अपना बना लेता है इश्क.

नशा है इश्क़, खता है इश्क़, क्या करें यारो  बड़ा दिलकश है इश्क़..

कितना इश्क़ है काश तुम समझ लेते तुम ही हो ज़िंदगी मेरी ये बात मान लेते तुमको देने को नहीं कुछ पास हमारे बस एक जान है हमारी जब चाहे मांग लेते..

इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा

इश्क में मैं खुद को बेकसूर कहती थी  पहले भूल जाती हूँ कि  इस दिल की भी तो शरारत थी कुछ

तुम चाहो अगर तो लिख दो  इश्क़ मेरी तक़दीर में तुमसे खूबसूरत स्याही तो  जन्नत में भी नहीं होगी

इश्क है वही जो हो एक तरफा इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है

लोग कहते हैं कि इश्क इतना मत करो, कि हुस्न सर पर सवार हो जाये, हम कहते हैं कि इश्क इतना करो, कि पत्थर दिल  को भी तुमसे प्यार हो जाये

मोहब्बत में नहीं है  फ़र्क़ जीने और मरने का  उसी को देख कर जीते हैं  जिस काफ़िर पे दम निकले 

मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी उस दौर से गुज़र रही हु जो गुज़रता ही नहीं..