एक कातिल नजर शायरी हिंदी

यूं तो अक्सर बाते होती है उनकी नजरो से पर नजरो के लफ्ज़ अक्सर उनके समझ नही आते है.. 

नज़र फेरा तुमने इस कदर, की तुम्हे कुछ नज़र ही नहीं आया, नज़ाकत हमारी भी देख लेते, हमने भी कंहा सर उठाया..

तुम्हारी नज़र हमारा दिल ले बैठी, बताते आपको हमारे दिल का हाल, अगर तुम्हारी अमीरी बीच में नही आई होती..

इश्क का साहेब मौसम चल रहा हे,  जरा संभलकर रहियेगा,  मार देंगी अगर नजरे नजरो को तो,  हमे कातिल न कहियेगा..

नज़रों की बात कर रहा है तू,  अरे नजरें तो ऐसा काम कर जाती है,  पल में सोना है नहीं तो पत्थर की तरह,  नीलाम कर जाती है ये नज़रें हैं,  बाबू नींदे हराम कर जाती है..

katil nazar shayari in hindi

दिलों का ज़िक्र ही क्या है  मिलें मिलें न मिलें नज़र मिलाओ  नज़र से नज़र की बात करो..

जाने क्या असर ये तुम्हारी नज़र करती है,  नज़रअंदाज़ जितना मर्ज़ी कर लो  हमारी ये नज़र तुम्हारी नज़र पर ही पड़ती है..

मुहब्बत की शमा जला कर तो देखो, दिल की दुनिया बसा कर तो देखो, हो ना जाए मुहब्बत तो कहना, ज़रा हमसे नज़रें मिला कर तो देखो..

मेरी नज़रे सिर्फ तेरी दुआ करती है,  तू खुश रहे बस ये चाह रखती है,  फिर मिलेंगे एक दिन हम दोनो  मेरी नज़रे उस दिन की राह तकती है..

ये नज़र चुराने की आदत,  आज भी नहीं बदली उनकी,  कभी मेरे लिए जमाने से,  और अब जमाने के लिए हम से.. 

नज़रे मिले तो प्यार हो जाता है, पलके उठे तो इज़हार हो जाता है, ना जाने क्या कशिश है चाहत मैं, के कोई अंजान भी हमारी ज़िंदगी का हक़दार हो जाता है..

सच्चे प्यार को झूठा साबित कर, चाहत तुम्हारी भूल कर गई, नजरों से चुराकर नजरें तुम, यह बात साबित कर गई..