नफरत शायरी:  Pyar Se Nafrat Shayari 2022

नफरत शायरी:  Pyar Se Nafrat Shayari 2022

नफरतों के जहां में हमको  प्यार की बस्तियां बसानी हैं, दूर रहना कोई कमाल नहीं,  पास आओ तो कोई बात बने..

नफरतें इश्क़ भी बड़ी की होती है उनसे उनसे नफरत दिखता है और दिल ही दिल में प्यार करता है उनसे..

नफरत मत करना मुझसे,  बुरा लगेगा  बस एक बार प्यार से कह देना,  अब तेरी जरूरत नहीं..

चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह, देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह, जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों, सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह..

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था..

जब नफरत की बात उठेगी  तो सबसे पहला नाम हमारा आएगा, क्योंकि नफरत करने में  हमने रिकॉर्ड जो बना रखे हैं..

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,  नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो हैं..

नफरत का वार मुझ पर ज़ोर से मारना क्योंकि, नफरत मुझसे टकराकर प्यार में बदल जाती है. 

हक़ देंगे पूरा उसे निभाने का, कबूल करते हैं नफरत तेरी, खैरात में जो मिले हमें, कबुल तो उसकी मोहब्बत भी नहीं करते हम..

अब उसकी नफ़रत मुझे सताने लगी है.. हर पल आंखों में नमी छाने लगी है..