दिल तोड़ने वाली शायरी

किसी से वफ़ा की उम्मीद करना है, इस दुनिया में सबसे बड़ा बुरा काम है, क्योंकि हर कोई चला जाता है दिल तोड़कर, मोहब्बत जिसका नाम है..

एक अजीब सा मंजर नजर आता है, हर एक आँसू समंदर नजर आता है, कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना, हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है..

बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता..

हम में तू अभी भी थोड़ा बाकि है, आँखों में नजर आते आँसु है, होठों पे तेरी हसि की झांकी है तू छोड़ गया दिल तोड़ गया, हम जी रहे हैं की... हम में थोड़ी मोहब्बत अभी बाकि है

हम रूठे भी तो किसके भरोसे रूठें, कौन है जो आयेगा हमें मनाने के लिए, हो सकता है तरस आ भी जाये आपको, पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये.

मोहब्बत ने आज हमको रुला दिया जिस पर मरते थे उसने ही भुला दिया उसकी याद भुलाने के लिए आँसू पीता गया एक दिन बेवफा ने उसमे भी ज़हर मिला दिया..

टूटा हो दिल तो दुःख होता है, करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है, दर्द का एहसास तो तब होता है, जब किसी से मोहब्बत हो और  उसके दिल में कोई और होता है 

वो मोहब्बत भी  तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी, वो अपनाने और ठुकरानी की अदा भी तेरी थी, मे अपनी वफ़ा का इंसाफ़  किससे माँगती.. वो शहर भी तेरा था वो अदालत भी तेरी थी..

मेरे दिल की दुनिया पे तेरा ही राज था। कभी तेरे सीर पर भी वफाओ का ताज था। तूने मेरा दिल तोडा पर पता न चला तुझको। क्योंकि टुटा दिल दीवाने का बे आवाज था..