girlfriend pyar bhari ghazal in hindi
girlfriend pyar bhari ghazal in hindi
रात को चमका था अंग अंग चाँदनी में।
अब धुप की छाँव में बेताबी भर रही है।
फूलती हुई साँसे सीने से दिल में उतर रही है।
दिल से निकली तरन्नुम रोम रोम में घुल रही है
रात को चमका था अंग अंग चाँदनी में।
अब धुप की छाँव में बेताबी भर रही है।
फूलती हुई साँसे सीने से दिल में उतर रही है।
दिल से निकली तरन्नुम रोम रोम में घुल रही है