girlfriend pyar bhari ghazal in hindi

रात को चमका था अंग अंग चाँदनी में। अब धुप की छाँव में बेताबी भर रही है। फूलती हुई साँसे सीने से दिल में उतर रही है। दिल से निकली तरन्नुम रोम रोम में घुल रही है

इक मुलाकात करो हमसे इनायत समझ कर, हर चीज का हिसाब देंगे कयामत समझ कर, मेरी मोहब्बत पे कभी शक न करना, हम मोहब्बत भी करते हैं इबादत समझ कर…

आधी रात को सपना आ जाता है, फिर सोना मुश्किल हो जाता है, खुदा की कसम यारो मैंने प्यार नहीं किया, ये प्यार तो अपने आप ही हो जाता है…

टूटे छत से बरस रही थी वूँदे तन्हाई की , वो सर्द रातो मै मेरी महल बनके आ गये  मै भटक रहा था प्यासा रेगिस्तान मै अकेला, वो हाथो मै मेरे मीठा जल बनके आ गये..

तेरी ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के  क़ुर्बाँ दिल-ए-ज़ार ढूँढता है वही चम्पई उजाले वही सुरमई धुंधल के कोई फूल बन गया है  कोई चाँद कोई तारा जो चिराग़ बुझ गए हैं  तेरी अंजुमन में जल के..

तेरे हुस्न की तस्वीरों का आखिर हम क्या करेंगे कभी तेरे लिए कभी अपने हाल के लिए दुआ करेंगे हमें नही ख़बर इश्क़ का अंजाम होगा तो क्या होगा, नही ख़बर और कितने इस इश्क़ में हम गुनहा करेंगे..

बहुत आता है लुत्फ़  रूठने मनाने में कहीं लग जाये कोई बात  तो फिर क्या करोगे सज़ा तो लूँ तुझे सुरमे की तरह आँखों में कभी जो आ गई बरसात तो फिर क्या करोगे..

ज़िन्दगी की राह में कई ज़िंदा अहसास हुए दूर हुए जितना उनसे  उतना उनके पास हुए घुल गए सपनों में कुछ  कुछ ने दिल में पनाह ली कुछ दे गए दगा हमें  कुछ पे हम विश्वास हुए..

सुना था कि वो आयेंगे अंजुमन में, सुना था कि उनसे मुलाक़ात होगी हमें क्या पता था हमें क्या खबर थी, न ये बात होगी न वो बात होगी 

जो मैं तुमसे बिछड़ा तो तड़प तड़प के मर जाऊंगा खुशिया तुम बिन सब अधूरी है नही जी पाऊंगा एक बार तो मुझको भी अपने इश्क़ को आजमाने दो..