pyar bhari ghazal in hindi, प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी, pyar ke liye ghazal

pyar bhari ghazal in hindi, प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी, pyar ke liye ghazal, दिल को छूने वाली ग़ज़ल हिंदी में. बेहतरीन हार्ट टचिंग ग़ज़ल. heart touching ghazal in hindi. रोमांटिक और दर्द भरी हिंदी शेर ओ शायरी संग्रह जो आपके दिल को मोह लेगा. दोस्तों आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर आज आपके बहुत ही रोमांटिक हिंदी प्यार भरी ग़ज़ल लेकर आई हूँ. अगर दोस्तों आपको यह ghazal पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करना..

 

 

pyar bhari ghazal in hindi

इश्क की बहुत सारी उधारियां है तुम पर

चुकाने की बात करो तो कुछ किश्तें तय कर लें…!!

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प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी

काश कभी तुम समझ पाओ इस प्यार के जुनून को

हैरान रह जाओगे मेरे दिल में अपनी कदर देख कर…!!

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इश्क़ अब भी है वो महरम-ए-बे-गाना-नुमा

हुस्न यूँ लाख छुपे लाख नुमायाँ हो जाए..!!

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pyar bhari ghazal in hindi, प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी, pyar ke liye ghazal

मोहब्बत गजल हिंदी

इक बात कहूँ इश्क  बुरा तो नहीँ मानोगे

बङी मौज के थे दिन  तेरी पहचान से पहले..!!

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प्यार मोहब्बत की गजल

इश्क का रंग गहरा यूँ चढ़ता रहा

इश्क़ को दिल लगी वो समझता रहा

यार मेरा गुलाबों की मानिंद है

खूश्बुओं की तरह वो बिखरता रहा

इश्क से जिसकी नज़रें सदा थीं भरी

उस नज़र को मिरा दिल तरसता रहा

ज़ख्म तुमने दिये तुम दवा थी कभी

ग़ैर की जो हुई मैं बिखरता रहा

आरज़ू उसको पाने की हर पल हुई

ख़्वाहिशों के जहां में भटकता रहा

दूर होके भी दिल से जुदा वो नहीं

याद बनके फ़िज़ा में महकता रहा…!!

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हिन्दी गजल शायरी

उनसे कह दो कि छू के ना वो  चले जाया करें

कभी कुछ पल  मेरे पहलू में भी  मुस्काया करें

उनके छूने से  धड़क जाती है  धड़कन दिल की

यूँ मगर लौट के  ना दिल को वो  तड़पाया करें

कभी खुद से तो  कभी चाँद से करती हैं चुहल

वो कभी मुझेको भी समझें और  समझाया करें

कैसे कह दूँ कि  नहीं देखूँगा  मैं उनकी मांनिद

कह दो उनसे मुझे  आँखों में ना  उलझाया करें

जब चले जातें हैं  बहुत दूर फिर  मुझको छूकर

तो कहो उनसे  ना फिर वो यूँ  पछताया करें…!!

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हिंदी रोमांटिक गजल

तेरी मुस्कुराहट से शुरू हो कर  मेरे आंसुओं पर खत्म हुई

कितनी दिलचस्प है  कहानी हमारी मोहब्बत की…!!

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जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता

मुझे पामाल रास्तों का सफर अच्छा नहीं लगता…!!

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pyar bhari ghazal in hindi

ज़रा नादान हैं हम अभी इश्क में सनम

यूँ सबक इश्क़ के हमें पढ़ाया न कीजिए

न रोका कीजिए हमें राहों में इस तरह

यूँ पकड़ के कलाई हमें सताया न कीजिए

पत्थरों के हैं मौसम काँच के हैं रास्ते

ख़्वाबों के इस शहर में ले जाया न कीजिए

हम तुम्हारे हैं तो हो जाएंगे तुम्हारे

यूँ मोहब्बत को सरे-आम दिखाया न कीजिए

न कीजिए तारीफ हर बात में हमारी

महफ़िलों में ग़ज़लें यूँ गाया न कीजिए…!!

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pyar ke liye ghazal

तुझे क्या पता की मेरे दिल में कितना प्यार हैं तेरे लिए,

जो कर दूँ बयाँ तो तुझे नींद से नफरत हो जाए..!!

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इश्क़ अब भी है वो महरम-ए-बे-गाना-नुमा

हुस्न यूँ लाख छुपे लाख नुमायाँ हो जाए…!!

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रोमांटिक ग़ज़ल शायरी इन हिंदी

मोहब्बत की हकीकत से हम भी वाकिफ थे दोस्तो

वो तो यूँ ही बस जरा शोक हुआ था

ज़िंदगी बर्बाद करने का….!!

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pyar bhari ghazal in hindi

दिल का दर्द से रिश्ता गहरा हो गया तब से

दिल एक  चाँद  का  शैदाई बन  गया जब से

भूल   पाया   नहीं  एक  पल  उसको  तब  से

दर्द   के   धागों   में   इश्क़   पिरोया  जब  से…!!

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हार्ट टचिंग ग़ज़ल इन हिंदी

सादा दिल ही यहाँ होते हैं दाग-दाग,

जिन्हें दूसरे का ग़म भी अपना लगता है,

तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है,

कपड़ों की तरह रोज़ इरादे बदल देते हैं नादां,

जैसे तस्वीर बदलने का इन्हें चसका लगता है,

तुम से दिल की हर बात कहना अच्छा लगता है…!!

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Hindi ghazal pyar wali

चलो एक नजर उठाके हमारी और फेंको,

मिलेगी पूरी तस्वीर, करके ऐतबार तो देखो,

इश्क़ तो उदास बैठा किसी झील किनारे,

आयेगा बचाने तुम डूबकर तो देखो,

तुम्हारी ख़ामोशी दे रही दर्द जख्म नहीं ,

दवा ने फिर भी बनाया नासूर उपचार तो देखो,

इश्क़ वो ताबीज जो बना है दुआओं से,

कभी गर्दिश में तुम पहनकर तो देखो,

आशिक़ी मौजूद अब भी दफ़न मुर्दों में,

किसी को मजनू पुकार तो देखो,

कौन गिन रहा तुम्हारे दिल में उठती हिलोरें,

तुम अपने ही दिल को एक बार तो देखो…!!

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Romantic hindi ghazal pyar bhari

लफ़्ज़ों के  ये नगीने तो  निकले कमाल के,

ग़ज़लों ने ख़ुद पहन लिए ज़ेवर ख़याल के,

ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फँसूँ,

ऐ  मेरी  आरज़ू  मुझे  ले चल सँभाल के,

पिछले  जनम की  गाढ़ी कमाई है ज़िंदगी,

सौदा जो करना करना बहुत देख-भाल के,

मौसम हैं दो ही इश्क़ के सूरत कोई भी हो,

हैं इस के पास आइने हिज्र-ओ-विसाल के,

अब क्या है अर्थ-हीन सी पुस्तक है ज़िंदगी,

जीवन से  ले  गया वो  कई दिन निकाल के,

यूँ ज़िंदगी से कटता रहा जुड़ता भी रहा,

बच्चा  खिलाए  जैसे कोई माँ उछाल के,

ये ताज  ये अजंता  एलोरा के  शाहकार,

अफ़्साने लग रहे हैं उरूज-ओ-ज़वाल के…!!

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