khubsurat pyar bhari hindi ghazal shayari
khubsurat pyar bhari hindi ghazal shayari

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khubsurat pyar bhari hindi ghazal shayari

 

 

आज खुद को तुझमे डुबोने की आरज़ू है

क़यामत तक सिर्फ तेरा होने की आरज़ू है

किसने कहा गले से लगा ले मुझको  मग़र

तेरी गोद में सर रखकर सोने की आरज़ू है…!!

 

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हार्ट टचिंग ग़ज़ल इन हिंदी

 

दिल की बात लबों पर लाकर,

अब तक हम दुख सहते हैं..

हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं..

 

बीत गया सावन का महीना,

मौसम ने नज़रें बदली,

लेकिन इन प्यासी आँखों में

अब तक आँसू बहते हैं..

 

एक हमें आवारा कहना

कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं,

दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं..

 

जिस की ख़ातिर शहर भी छोड़ा

जिस के लिये बदनाम हुए,

आज वही हम से बेगाने-बेगाने से रहते हैं..

 

वो जो अभी रहगुज़र से,

चाक-ए-गरेबाँ गुज़रा था,

उस आवारा दीवाने को ज़लिब ज़लिब  कहते हैं…!!

 

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pyar bhari hindi ghazal shayari

 

मिलेगी खबर उन्हें तो वो आएगे,

मरने के बाद सही मगर वो आएगे..

 

ईद तो हम मनाएगे ज़रूर मगर,

कही जब हमें नज़र वो आएगे..

 

हम ने अपनी खुशिया लुटा दी उसके गमो पर,

आज गमगीन हूँ मै खुशिया मगर वो मनाएगे..

 

मै हँसाता रहा उन्हें सदा महफ़िलो में,

क्या थी खबर हमें इस कदर वो रुलाएगे..

 

आज भी रुका हूँ मै उसी सुनी सड़क पर,

इसी उम्मीद पर के लौट कर वो आएगे..

 

इसी लिए वक्ते रुख्सत मै ने उसे पुकारा नहीं,

आज नहीं तो कल सही मगर पलट कर वो आएगे..

 

सड़क भी पूछती है मुसाफिर से क्यों घर जाते नहीं,

होगा उन्हें एहसास तो वो फिर लौट कर आएगे…!!

 

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gulzar shayari on ishq in hindi

 

दिन आ गए शबाब के आँचल संभालिये,

होने लगी है शहर में हलचल संभालिये,

 

चलिए संभल संभल के कठिन राह-ऐ-इश्क़ है,

नाज़ुक बड़ी है आपकी पायल संभालिये,

 

सज धज के आप निकले सर-ए-राह ख़ैर हो,

टकरा न जाए आपका पागल संभालिये,

 

घर से ना जाओ दूर किसी अजनबी के साथ,

बरसेंगे जोर-शोर से बादल संभालिये…!!

 

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khubsurat pyar bhari hindi ghazal shayari

 

टूट जाये न भरम होंठ हिलाऊँ कैसे,

हाल जैसा भी है लोगों को बताऊँ कैसे..

 

खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,

मैं तेरे ग़म को ज़माने से छुपाऊँ कैसे..

 

तू ही बता मेरी यादों को भुलाने वाले,

मैं तेरी याद को इस दिल से भुलाऊँ कैसे..

 

फूल होता तो तेरे दर पे सजा रहता,

ज़ख़्म ले कर तेरी दहलीज़ पे आऊं कैसे..

 

तू रुलाता है तो रुला मुझे जी भर के,

तेरी आँखें तो मेरी हैं  मैं इन को रुलाऊँ कैसे…!!

 

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प्यार भरी ग़ज़ल

 

तपती आंखो में कहां जीते हैं ख्वाब,

धूप की जलन तो कहां पलते हैं ख्वाब…

 

ख्वाहिशों की नर्म छांव में बैठे बैठे,

आस टूट जाती है तो टूटते हैं ख्वाब…

 

रूई के फाहे से हल्के हल्के गाले,

आंधी चलती है तो उड़ते है ख्वाब…

 

वो दे रहा है बातों बातों में वादे,

धोखा देने को मुझे छलते हैं ख्वाब…

 

सोच लिया था आभा मैने पहले से,

ज़िंदा रहने को यहां कब मिलते है ख्वाब…!!

 

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pyar bhari hindi ghazal shayari

 

कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह,

लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह..

 

मेरे महबूब मेरे प्यार को इलज़ाम न दे,

हिज्र में ईद मनाई है मुहर्रम की तरह..

 

मैंने खुशबू की तरह तुझको किया है महसूस,

दिल ने छेड़ा है तेरी याद को शबनम की तरह..

 

कैसे हमदर्द हो तुम कैसी मसीहाई है,

दिल पे नश्तर भी लगाते हो तो मरहम की तरह…!!

 

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हिन्दी गजल शायरी

 

तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए,

मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद आ गए..

 

कल मेरी एक प्यारी सहेली किताब में,

इक ख़त छुपा रही थी कि तुम याद आ गए..

 

उस वक़्त रात रानी मिरे सूने सहन में,

ख़ुशबू लुटा रही थी कि तुम याद आ गए..

 

ईमान जानिए कि इसे कुफ़्र जानिए,

मैं सर झुका रही थी कि तुम याद आ गए..

 

कल शाम छत पे मीर-तक़ी-मीर  की ग़ज़ल,

मैं गुनगुना रही थी कि तुम याद आ गए..

 

अंजुम  तुम्हारा शहर जिधर है उसी तरफ़,

इक रेल जा रही थी कि तुम याद आ गए…!!

 

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प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी

 

मन को बहलाके खुद पर अहसान किया हमने,

पर सच कोई नज़रों से अनजान किया हमने..

 

इक उछलती लहर से लग जाता खुशियों का मेला,

कश्ती किनारे ले जाके समंदर वीरान किया हमने..

 

सस्ती हुई हँसी जो कीमती दर्द बन बैठा,

यादों से कर खिलवाड़  खुद का नुकसान किया हमने..

 

तहस नहस सारे सपने इन सूनी सूनी रातों में।

सुबह बिस्तर के हालात से यह बयान किया हमने…!!

 

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khubsurat pyar bhari hindi ghazal

 

अपनी आँखों के समंदर में उतर जाने दे,

तेरा मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे..

 

ऐ नए दोस्त मैं समझूँगा तुझे भी अपना,

पहले माज़ी का कोई ज़ख़्म तो भर जाने दे..

 

आग दुनिया की लगाई हुई बुझ जाएगी,

कोई आँसू मेरे दामन पर बिखर जाने दे…!!

 

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रोमांटिक ग़ज़ल शायरी इन हिंदी

 

तस्वीर का रुख एक नहीं दूसरा भी है,

खैरात जो देता है वही लूटता भी है..

 

ईमान को अब लेके किधर जाइयेगा आप,

बेकार है ये चीज कोई पूछता भी है..

 

बाज़ार चले आये वफ़ा भी, ख़ुलूस भी,

अब घर में बचा क्या है कोई सोचता भी है..

 

वैसे तो ज़माने के बहुत तीर खाये हैं,

पर इनमें कोई तीर है जो फूल सा भी है..

 

इस दिल ने भी फ़ितरत किसी बच्चे सी पाई है,

पहले जिसे खो दे उसे फिर ढूँढता भी है…!!

 

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khubsurat pyar bhari hindi ghazal shayari

Pyar bhari ghazal in hindi

 

मैं वहीं खड़ी हूं जहां से में चली थी

तुम्हें याद हो के न याद हो

वो पल जिनमें दूरियां थी

नजदीकियां तुम्हें याद हो के न याद हो…!!

 

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