मेरी रूह गुलाम हो गयी है , तेरे इश्क़ में शायद वरना यूं छटपटाना मेरी आदत तो ना थी..
अपनों की महफिल में गैर भी हैं इश्क के दुश्मन और भी हैं मैं तो चाहती हूँ आपको मगर आपके चाहने वाले और भी हैं..
दिवाना हर शख़्स को बना देता है इश्क सैर जन्नत की करा देता है इश्क, मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क, क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क..