gulzar ki ghazal in hindi: प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी. गुलज़ार की ग़ज़ल इन हिंदी Latest Gulzar Sahab Shayari In Hindi, दर्द भरी ग़ज़ल हिंदी में लिखी हुई. हार्ट टचिंग ग़ज़ल इन हिंदी. हिंदी ग़ज़ल शायरी, रोमांटिक ग़ज़ल शायरी इन हिंदी. गुलज़ार शायरी इन हिंदी लिरिक्स. प्रेम गजल हिन्दी, मोहब्बत गजल हिंदी…
कोई तो करता होगा हमसे खामोश मोहब्बत हम भी किसी की अधूरी मोहब्बत है. gulzar ki ghazal in hindi hello दोस्तों आपका फिर से स्वागत हमारे शायरी ब्लॉग पर आज आपके लिए लेकर आई हूँ, gulzar shahab ki ghazal जिसको पढ़ने से दिल खुश हो जाता है. मैं आशा करती हूँ की यह शायरी ग़ज़ल आपको जरुर पसंद आएगी. अगर अच्छी लगे तो शेयर भी कर देना
Table of Contents
gulzar ki ghazal in hindi
Teri Tarah Hi Bewafa Nikale Mere Ghar Ke Aaine bhi¸
Khud Ko Dekhu Teri Tasveer Nazar Aati He.
तेरी तरह ही बेवफा निकले मेरे घर के आईने भी¸
खुद को देखूं तेरी तस्वीर नजर आती है…!!
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gulzar ki ghazal in hindi
ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता
मेरी तस्वीर भी गिरती तो छनाका होता !
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता !
साँस मौसम की भी कुछ देर को चलने लगती
कोई झोंका तिरी पलकों की हवा का होता !
काँच के पार तिरे हाथ नज़र आते हैं
काश ख़ुशबू की तरह रंग हिना का होता !
क्यूँ मिरी शक्ल पहन लेता है छुपने के लिए
एक चेहरा कोई अपना भी ख़ुदा का होता…!!
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हिंदी ग़ज़ल शायरी
आज फिर चाँद की पेशानी से उठता है धुआँ
आज फिर महकी हुई रात में जलना होगा!
फिर आज फिर सीने में उलझी हुई वज़नी साँसे
फटके बस टूट ही जाएँगी बिखर जाएँगी!
आज.. फिर जागते गुज़रेगी तेरे ख़्वाब में रात
आज फिर चाँद की पेशानी से उठता है धुआँ…!!
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प्यार भरी ग़ज़ल इन हिंदी
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते!
जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते!
शहद जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा
जाने वालों के लिये दिल नहीं थोड़ा करते!
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसी दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते…!!
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हार्ट टचिंग ग़ज़ल इन हिंदी
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुजरा हूँ!
उनसे कितना कुछ कहने की कोशिश की
एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया है!
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की
Kitni lambi khamoshi se guzra hoon!
Unse kitna kuchh kahne ki koshish ki
Ek hi khwab ne saari raat jagaya hai!
Maine har karvat sone ki koshish ki…!!
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रोमांटिक ग़ज़ल शायरी इन हिंदी
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है
जो हासिल ना हो सका…!!
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आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती,
सतह पर टूटता भी है डूबता भी है,
फिर उभरता है फिर से बहता है,
न समंदर निगला सका इसको,
न तवारीख़ तोड़ पाई है,
वक्त की मौज पर सदा बहता,
आदमी बुलबुला है पानी का…!!
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गुलज़ार की ग़ज़ल इन हिंदी
जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए !
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए…!!
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Romantic gulzar ki ghazal hindi main
Sham Se Aankh Mein Nami Si Hai.
Aaj Phir Aap Ki Kami Si Hai.
Waqt Rahta Nahin Kahi Tham Kar
Is Ki Aadat Bhi Aadami Si Hai
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है…!!
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Do line gulzar ki ghazal in hindi
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी थी
उन की बात सुनी भी हम ने अपनी बात सुनाई भी..!!
Khamoshi ka hasil bhi ik lambi si khamoshi thi,
Un ki baat suni bhi hum ne apni baat sunaai bhi…
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Best gulzar ghazal in hindi
कांच के पीछे चाँद भी था और कांच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी
kaanch ke piche chand bhi tha aur kanch ke upar kai bhi
teeno the ham vo bhi the aur main bhi tha tanhai bhi…!!
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हसरतें अपनी बिलक्तीं न यतीमों की तरह
हम को आवाज़ ही दे लेते ज़रा जाते हुए !
सी लिए होंट वो पाकीज़ा निगाहें सुन कर
मैली हो जाती है आवाज़ भी दोहराते हुए…!!
Hasrate apni bilakti na yatimon ki tarah
Hum ko aawaz hi de lete jara jate hue,
Si liye hoth wp pakiza nigahe sun kar
Meli ho jaati hai aawaz bhi dohrate hue…!!
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दर्द भरी ग़ज़ल हिंदी में लिखी हुई
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं…!!
Ek sapane ke tootkar chaknachur ho jaane ke baad
Dusra sapana dekhne ke hausle ka naam zindagi hai..!!
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मोहब्बत भरी गुलज़ार गजल हिंदी
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर…!!
Meri koi khata to sabit kar
Jo bura hoon to bura sabit kar,
Tumhe chaaha hai kitna too kya jaane,
Chal main bewafa hi sahi,
Too apni wafa sabit kar…!!
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